“kitaben khuli hon ya hon band
padhai last night hi hoti hai
kaise kahoon main o yaara ye
engineering. Aise hoti hai.
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.
इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं