Kitne Majboor Hain Takdeer Ke Hathon,
Na Use Pane Ki AUKAT Rakhte Hain Aur Na Use Khone Ka Hosla.
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ़ नजर आती है
Apni tanhaayi se tang aa kar..
Bahut se aainey khareed laya hun …
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे
जादू हैं उसकी हर एक बात में,
याद बहुत आती है दिन और रात में,
कल जब देखा था मेने सपना रात में,
तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में