Kitne Majboor Hain Takdeer Ke Hathon,
Na Use Pane Ki AUKAT Rakhte Hain Aur Na Use Khone Ka Hosla.
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
ए दोस्तों.....
लेकिन पूरी उसकी ही होती है जो तक़दीर लेकर आता है .
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
हम तस्लीम करते हैं,
हमें फुर्सत नहीं मिलती,
मगर ये भी ज़रा सोचो,
तुम्हें जब याद करते हैं,
ज़माना भूल जाते हैं|