जब हमें बोलना भी नही आता था,
तब भी हमारी हर एक बात समझ जाती थी माँ.
और आज जब हम बोलना सीख गये,
तो बात-बात पर बोलते हैं, “छोड़ो आप नहीं समझोगे माँ”
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
किसी की मजबूरी का….मजाक ना बनाओ यारों..!!
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है..!!
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.