अक्सर याद आता है कॉलेज का जमाना,
दिल में इश्क और मन पढ़ाई में लगाना.
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
Na Samajh Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,,
Qasam tumhari tumhen itna pyar karte hain..
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…एक नया दर्द ही…पुराने दर्द की दवाई है…!!