अक्सर याद आता है कॉलेज का जमाना,
दिल में इश्क और मन पढ़ाई में लगाना.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
Kyun kisi ki yaadon mein roya jaye,Kyub kisi ke khayalo mein khoya jaye,Mera to yakeen hai,Bahar mausam bahut kharab hai,Kyun na razai tankar soya jaye.
लगता है, मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी, यूँ ही तो नहीं.!
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।