मूंगफली दी खुशबूते गुर: दीमिठास,
मक्की दी रोटीते सरसों दासाग,
दिल दी खुंशीते आपनों दाप्यार,
मुबारक होवे तुहानूंलोहड़ी दा त्यौहार||
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है
जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..