जो बनाये हमे इंसान , दे सही गलत की पहचान ,
देश के उन निर्माताओं को हम करते है शत शत प्रणाम
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना
निकलते है तेरे आशिया के आगे से,
सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,
खिड़की से तेरी सूरत न सही
तेरा साया तो नजर आएगा…!!