“माँ” की “आराधना” का ये “पर्व” है,
_माँ की “9 रूपों की भक्ति” का ये पर्व है,
बिगड़े काम बनाने_का ये पर्व है,
“भक्ति” का “दिया_दिल_में_जलाने” का पर्व है…नवरात्रि…शुभ नवरात्रि..!
Khushbu ki tarah aapke paas bikhar jaunga,Sukun bankar dil mein utar jaunga.Mehsus karneki koshish kijiye,Door hokar bhi paas nazar aounga…
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।
Magar
rani sirf badsah ki hi hoti haii..