टीचर - बताओ रोज बादाम खाने से क्या होगा।
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स्टुडैंट - बादाम खतम हो जाएंगे ।
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!
परेशानी का कोई पैमाना नही होता"साहब"..कुछ लोग तो यही सोचकर परेशान रहते हैये सामने वाला दिनभर मोबाइल में करता क्या है!
सारे दिन आदमी को घर में
बनियान में देख के पत्नियों ये
समझने लगती है कि
उनकी शादी किसी दिहाड़ी मजदूर से हुई है
और उसी हिसाब से काम बताती है
ये वक्त की नजाकत हैबदलते दौर की मजबूरी है।लड़के को पराठेऔरलड़की को कराटेसिखाना बहुत जरूरी है।आत्म -निर्भर बनो.