याद है हमें हमारा वो बचपन,
वो लड़ना, वो झगड़ना और वो मना लेना,
यही होता है भाई-बहन का प्यार,
और इस प्यार को बढ़ाने आ रहा है
रक्षाबंधन का त्योहार।
पहली मुलाकात में ये ऐसा हुआ अहसास,
उनके मुहब्बत के दो शब्द थे बहुत खास.
आखिरी मुलाकात में कुछ कहना ही था उनसे,
हम सोचते ही रह गए की गुजर गया साल.
HAPPY NEW YEAR 2021
अब तू नहीं है दुनिया में,
हु अकेला वही खड़ा,
तू मुमताज़ तो बन गयी
मै रह गया निचे पड़ा!
गुलाब को भी कमल बना देते,
उसकी एक अदा पे कई ग़ज़ल बना देते…
कम्भख्त मरती नहीं मुझ पर लडकियां,
वरना लखनऊ में भी ताजमहल बना देते…
खुदा मुझ पर एक नजर कर दे
उस अजनबी को मेरा हमसफर कर दे
जब भी वो सांस ले उसे मेरा नाम सुनाई दे
मेरी चाहत का उस पर इस कदर असर कर दे
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम,मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।