जानते है वो फिर भी अनजान बनते हैं..
इसी तरह वो हमे परेशान करते हैं..
पूछते है हमसे की आपको क्या पसंद है..
खुद जवाब होकर सवाल करते हैं।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
ये ज़िन्दगी तेरी यादो से,
अब नासूर सी चुभती है,
किसे पता था मेरी दोस्त,
ये यादे ताज महल से बड़ी लगती है!