ए पलक तु बन्द हो जा, ख़्वाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी, इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगा, कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी। Good Night !!
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए आपका अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए आपका पत्थर दिल पिघल जाएगा
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता
पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है……..
वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं
बल्कि अपने छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है……!!