मुझे रुला कर सोना..तो तेरी आदत बन गई है, जिस दिन मेरी आँख ना खुली..तुझे निंद से नफरत हो जायेगी।
हम क्या कर चुके हैं
इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है
कि अभी क्या करना बाकि है
– मैरी क्यूरी
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
मुझे नहीं पता कि मैं एक बेहतरीन दोस्त हूँ या नहीं,
लेकिन मुझे पूरा यकीन कि जिनके साथ मेरी दोस्ती है…
वे बहुत बेहतरीन हैं।
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…