तन्हाइयों मे मुस्कुराना इश्क़ है, एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है, यूँ तो नींद नही आती हमें रात भर, मगर सोते सोते जागना और जागते जागते सोना इश्क़ है…गुड नाईट।
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
हे ईश्वर… बस एक छोटी सी दुआ है,
जिन लम्हों में, मेरे अपने मुस्कुराते हो…
वो लम्हे कभी ख़त्म न हो…
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!