भाई और बहन के प्यार में बस इतना अंतर हैं, की रूला के जो मना ले वो भाई और रूला कर जो खुद रो पड़े वो बहन हैं।
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
जीवन बहती नदी है, अतः हर परिस्थिति में आगे बढे
जहा कोशिश का कद बड़ा होता है
वह नसीबो को भी झुकना पड़ता है
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया