आओ नया मुकाम बनाओ, दहेज़ प्रथा को दूर भगाओ|
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं.
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।