अब हम भी कुछ मोहब्बत के गीत गुनगुनाने लगे हैं,
जब से वो हमारे ख्वाबो में आने लगे हैं।
Mohabbat Aur Maut Dono Ki
Pasand Bhi Ajeeb Hai:
Ek Ko Dil Chahiye:
Aur Dusre ko Dhadkan!
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
मेरे-तेरे इश्क़ की छाँव में… जल-जलकर!
काला ना पड़ जाऊ कहीं !
तू मुझे हुस्न की धुप का
एक टुकड़ा दे…!
हमें तुमसे मोहब्बत न होती,,
सिर्फ दो ही हालत में…
या “तुम” बने न होते,
या ये दिल बना न होता…