जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर,
तब लोग जिन्दा तो होते हैं, लेकिन किसी और के अंदर।
निकलते है तेरे आशिया के आगे से,
सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,
खिड़की से तेरी सूरत न सही
तेरा साया तो नजर आएगा…!!
कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी
कुछ चेहरे भी मुकम्मल ग़ज़ल हुआ करते हैं
यूं तो हर दिल में एक कशिश होती है
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है
मुमकिन नहीं सभी के लिए ताज महल बनाना
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती है
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!