तेरे रुखसार पर ढले हैं
मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई
मोहब्बत की दुआ हो तुम।
Aye barish zara tham ke baras,Jab mera yaar aa jaye to jam ke baras,Pehle na baras ki woh aa na sake,Phir itna baras ki woh ja na sake.
तुम्हारे मिलने के बाद नाराज़ है रब्ब मुझसे,
क्योंकि मैं उनसे अब और कुछ मांगता ही नहीं
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है,
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है,
तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता,
हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।
Hum Bhi Maujood The Takdeer Ke Darwaje Pe,
Log Daulat Par Gire Aur Humne Tujhe Maang Liya.