पूछते हैं मुझसे की शायरी लिखते हो क्यों,
लगता है जैसे आईना देखा नहीं कभी।
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
Saja Kr Apni Hi Aankh Hazaar Chehron Pe,
Kia Hai Main Ne Sadaa Aitbaar Chehron Pe
Main Teri Bazm Mein Kis Kis Sy Dushmani
Lita Likha Tha Naam Tera Be
shumaar Chehron Pe..!!!
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
इस दिल को अगर तेरा एहसास नही होता,
तू दूर भी रह कर के यूँ पास नही होता,
इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है,
एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नही होता!!