मैं अगर लिखना भी चाहूँ,
तो भी शायद लिख ना पाऊं उन लफ़्ज़ों को,
जिन्हे पड़कर आप समझ सको कि
मुझे आपसे कितना प्यार है !!
काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर।
पूछते हैं मुझसे की शायरी लिखते हो क्यों,
लगता है जैसे आईना देखा नहीं कभी।
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया।
तेरा प्यार मेरी जिंदगी मेंबहार ले कर आया है,तेरे आने से पहले हर दिनपतझड़ हुआ करता था।
तेरा प्यार मेरी जिंदगी में
बहार ले कर आया है,
तेरे आने से पहले हर दिन
पतझड़ हुआ करता था।