माँ-बाप के लिए क्या शेर लिखूं,
माँ-बाप ने मुझे खुद शेर बनाया हैं।
हम क्या कर चुके हैं
इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है
कि अभी क्या करना बाकि है
– मैरी क्यूरी
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
सफलता ना मिले तो घबराना नही,
रुक कर सोचना तो पाओगे की ,
कुछ कदम चलना अभी शेष है।
कुछ लोग ज़िन्दगी होते हैं,
कुछ लोग ज़िन्दगी में होते हैं,
कुछ लोगों से ज़िन्दगी होती है,
पर कुछ लोग होते हैं, तो ज़िन्दगी होती है।