आज बारिश मे तेरे संग नहाना है,
सपना ये मेरा कितना सुहाना है,
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे,
उन्हे अपने होठो से उठाना है!!
nice
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!
तेरे रुखसार पर ढले हैं
मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई
मोहब्बत की दुआ हो तुम।