कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी.
अपने रिश्तों और पैसों की कद्र एक समान करें,
दोनों को कमाना मुश्किल है, लेकिन गवाना बहुत आसान।
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
जिनका कद ऊँचा होता है
वो दूसरों से झुक कर ही बात करते हैं
ज़रा ठहरो , बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता