Thou has a thousand eyes and yet not one eye; Thou host a thousand forms and yet not one form.
ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते
इसलिए उन्होंने माँ को बनाया
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!