कहते है बिना महेनत किये
कुछ पा नहीं सकते
न जाने गम पाने के लिए
कोनसी महेनत कर ली मैंने
जो सिरफिरे होते हैं वही इतिहास लिखते हैं
समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढ़ते हैं
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
हो सकता है हर दिन अच्छा ना हो,
लेकिन हर दिने में कुछ न कुछ अच्छा होता है।
आपका दिन शुभ हो।
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!