हार गए अगर इस दुनियादारी से
तो चलो बाबा के धाम चलते है
किस्मत जहाँ हर हारे की
बाबा महाकाल बदलते है
जय महाकाल
मुझमें कोई छल नहीं, तेरा कोई कल नहीं
मौत के ही गर्भ में, ज़िंदगी के पास हूँ
अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का मैं प्रकार हूँ
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ।
यह कैसी घटा छाई हैं
हवा में नई सुर्खी आई है
फ़ैली है जो सुगंध हवा में
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
शिव की बनी रहे आप पर छाया
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया
मिले आपको वो सब इस अपनी ज़िन्दगी में
जो कभी किसी ने भी ना पाया
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.