सावन का आया भक्तों महिना है
नाग-पंचमी का त्योंहार है
जो दिल से बाबा का नाम जपे हरदम
उसका होता हमेशा बेड़ा पार है
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.