पलके झुका के नमन करे,
मस्तक झुका के वंदना करे,
ऐसी नज़र दे दे मेरे कान्हा
जो बंद होते ही आपके दीदार करे |
कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता
मैं अगर चाहु भी तो शायद ना लिख सकूं उन लफ़्ज़ों को
जिन्हे पढ़ कर तुम समझ सको की मुझे तुम से कितनी मोहब्बत है..!!
प्यार वो एहसास है जो मिटता नहींप्यार वो पर्वत है जो झुकता नहींप्यार की कीमत क्या है हमसे पूछो,प्यार वो अनमोल हिरा है जो बिकता नही
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!