माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
ख़ुशी मनाओ उनके जन्म दिन की,
जिन्होंने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया |
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
Bade hi chupke se bheja tha,Mere mehbub ne muje ek gulab,Kambhakht uski khusbu ne ,Sare shehar me hungama kar diya
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार