सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी,
हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं।
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
कोई कहे इससे जादू की झप्पी,
कोई कहे इसे प्यार…
मौका है खूबसूरत,आ गले लग जा मेरे यार |
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!