तुम लौट कर आने की तकलीफ मत करना,
हम एक मोहब्बत दो बार नहीं करते !
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के
खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैंकुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैंकब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बातउस की हर अदा पे हमे प्यार आता हैं