जो मेरे मुक्कदर में है वो खुद चल कर आएगा,
जो नहीं है उसे अपना खौफ लाएगा !
आपकी पलकों पर रह जाये कोई!
आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई
उसने मोहब्बत, मोहब्बत से ज़्यादा की थी,
हमने मोहब्बत उस से भी ज़्यादा की थी,
वो किसे कहेंगे मोहब्बत की इन्तहा,
हमने शुरुआत ही इन्तहा से ज़्यादा की थी.
दुनिया में तो चार दिन के मेहमान है,तो आखिर क्यों इतना परेशां इंसान है,मिटटी से बने है मिटटी में मिल जाना है,तो फिर किस बात का अभिमान है।
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.