तुम इश्क़ करो और दर्द न हो?
मतलब दिसंबर की रात हो और सर्द न हो!
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं है,
चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं है,
हालांकि दलीलों में तेरी दम तो नहीं है
रात है काफ़ी, ठंडी हवा चल रही है,
याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है,
उनके सपनो की दुनिया में आप खो जाओ,
आँख करो बंद ओर आराम से सो जाओ
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं !
तुम मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं !
कही से ये फिजा आई
ग़मों की धुप संग लायी
खफा हो गये हम, जुदा हो गये हम....