“दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं,
रातों को भी ख़्याल तेरा ही आता हैं,
कभी ये ख़्याल इस तरह बढ़ जाता है की,
आईने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.”
तेरे बाद हमने इस
दिल का दरवाजा खोला ही नहीं
वरना बहुत से चाँद आये
इस घर को सजाने के लिए
हर रात को तुम इतना
याद आते हो के हम भूल गए हैं,
के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं,
या तुम्हारी यादों के लिए|
तुमसे ही रूठ कर तुम्ही को याद करते हैं
हमे तो ठीक से नाराज़ होना भी नही आता
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…