हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
दिन गये हफ्ते गये और गये ये साल,
आपको हमारी तरफ से मुबारक हो नया साल।
Happy New Year 2021
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।
रोज़ इक ताज़ा शेऱ कहां तक लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज़ ही एक नयी बात हुआ करती है…
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।