ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया,
तुमसे मिले बगैर दिसंबर चला गया,
आज एक और बरस बीत गया उसके बगैर,
जिसके होते हुए होते थे जमाने मेरे।
New Year Sad Shayari 2021
Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
Kabhi Ji Bhar Ke Barasna, Kabhi Bond Bond Ke Liye Tarasna,Ay Barish Teri Aadatein Mere Yaar Jesi Hain…!
बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है…
जैसे ही ये आता है.फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं…!!!