दुःख का एक लम्हा किसी के पास न आये
आदत है या तलबइश्क है या चाहततू दिल मे है या साँसों मेतू दीवानगी है या मेरी आशिकीतू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सापर जो भी है सिर्फ तू है
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
जब जब ये नया साल आया !
जुबा पे सिर्फ तेरा नाम लाया !!
छुपते – छुपते मिलना होता हैं तुमसे !
नया साल मुहब्बत में ये कैसा मुकाम लाया !!
हैप्पी न्यू ईयर
जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शाल
तेरे साथ अच्छी लगी सर्दी अब के साल...