"अहंकार में डूबे इंसान को ,
ना तो खुद की गलतियां
दिखाई देती है और
ना दूसरों की अच्छी बात।"
ज़रूरी नहीं की हर समय, लबों में भगवन का नाम आये,
वो लमहा भी भक्ति का होता है, जब इंसान इंसान के काम आये।
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं
और दूसरे गलत होते हैं...तो
हम न्याय चाहते हैं।
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सुप्रभात
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं.