जहां एक निराशावादी व्यक्ति ,
किसी भी कार्य में उसका दुष्परिणाम ढूंढ लेता है।
वहीं लगनशील और आशावादी व्यक्ति
हर एक कठिन कार्य में भी एक अवसर ढूंढ लेता है।
नीम के पेड़ को अगर दूध और घी से भी सींचा जाये
तो भी नीम का वृक्ष मीठा नहीं हो जाता,
उसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति को कितना भी ज्ञान दे दो
वो अपनी दुष्टता नहीं त्यागता..
मैं आप उस इंसान को ढूंढ रहे हैं
जो आके आपकी मदद करेगा
तो शीशे के सामने खड़े हो जाएँ
आपको वो इंसान नजर आएगा
जो आपकी मदद कर सकता है
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है