इंसान को हमेशा मृदु भाषी लोगों ही कष्ट पहुंचते हैं,
क्योंकि सत्य और कड़वा बोलने वालों को तो खुद ही हम दूर कर देते हैं.
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
हे ईश्वर… बस एक छोटी सी दुआ है,
जिन लम्हों में, मेरे अपने मुस्कुराते हो…
वो लम्हे कभी ख़त्म न हो…
ईश्वर कहते हैं उदास न हो,
मैं तेरे साथ हूँ, सामने नहीं आस पास हूँ,
पलकों को बंद कर और दिल से यादकर,
में कोई और नहीं, तेरा विश्वास हूँ।
विश्वास रखो उस भगवान् पे
कभी ज्यादा मांगो नहीं
कम वो कभी देगा नहीं