दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
संकट के समय धैर्य धारण करना
मानो आधी लड़ाई जीत लेना है
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!