ज़िन्दगी की हर शाम तेरे लिए
ये महफ़िल ये शहर ये नाम तेरे लिए
तू मुस्कुराती रहे हमेशा तारो की तरह
हर सुबह बस यही मेरा पैगाम तेरे लिए
Good Morning Dear
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है, मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है, कैसी उदास है जिंदगी... बिन तेरे... हर लम्हा, मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता है।
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।