कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाउंगी,तु जहा जाएगा में वहाँ-वहाँ आऊँगी,साया तो छोर जाता है साथ अँधेरे में,लेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाउंगी !!
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।