“एक मिनट लगता है रिश्तों का मज़ाक उड़ाने में, लेकिन हम भूल जाते है जिंदगी रिश्तों से ही सजती और सँवरती है।” – Aaj Ka Suvichar
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
पापा को अपने आज क्या उपहार दू,
तोहफे दे फूलों के या गुलाबों का हार दू,
हमारी जिंदगी में जो है सबसे प्यारे,
उन पर तो अपनी जिंदगी ही वार दू।
जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है
बचपन मे होम वर्क जवानी मे होम लोन और बुढापे में होम अलोन
ही रह जाता है...
सुप्रभात!
यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर बैठे उसके बारे में सोचिये मत. बाहर निकालिए और अपने काम मे व्यस्त हो जाइये।