ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है.
दिल दिया था जिसको दीवानी समझ कर,खा गयी वो ब्रियानी समझ कर,एक कतरा भी ना छोड़ा खून का,पी गयी उसको भी निम्बू पानी समझ कर ||
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
मुझे तो न कोई आसमान चाहिये,मुझे तो न कोई जहाँ चाहिये,तू तो सितारों की एक महफ़िल है,बस उस पूरी महफ़िल में से बस एक तू चाहिए।
Ho Jaun Itna Madhosh Tere Pyar Mai
Ke Hosh Bhi Aane Ki Ijaazat Maange..