बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन…
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे…
“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!
Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं