हर एक रात को महताब देखने के लिए
मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए
कि लोग अक्सर पूछते हैं मेरी खुशियों का राज
इजाजत दो तो आपका नाम बता दूँ
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
Aa Bhi Jaao Meri Aankhon Ke Rubaru Ab Tum,
Kitna Khwabon Mein Tujhe Aur Talasha Jaye.
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।