“माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगाना असंभव है”
आज का सुविचार
एक रोस उनके लिएजो मिलते नही रोज़-रोज़,मगर याद आते है हर रोज़ |
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
पापा को अपने आज क्या उपहार दू,
तोहफे दे फूलों के या गुलाबों का हार दू,
हमारी जिंदगी में जो है सबसे प्यारे,
उन पर तो अपनी जिंदगी ही वार दू।
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं