सूरज रज़ाई ओढ़ के सोया तमाम रात
सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया
जब आती है याद तुम्हारी
तो करके आँखें बंद तुम्हे मिस कर लेते हैं
मुलाकात तो रोज़ हो नही पातीइसलिए ख़यालो में ही किस कर लेते हैं…..
Tu hasi chand kisi aur ka sahi
Par tu mere andhere ki roshni he…
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
Main Chahta Hun Aik Aasiyana HoJo Wabasta Sirf Tum Se Ho