वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता ,
एक ही शख्स था क्या पुरे जहान में .....
मैं उसका हूँ, यह तो मैं जान गया हों लेकिन,
वह किस का है, ये सवाल मुझे सोने नहीं देता......
हर वक्त फिजाओं में महसूस करोगे तुम
मैं प्यार की खशबू हूँ महकूँगी जमाने तक
Dil hi dil mein hum unse pyar karte hain
Aaj es propose day pe apni mohabbat ka izhar krte hain.